चन्द्रमा के लिए भारत का पहला मिशन चन्द्रयान-1 दिनांक 22 अक्तूबर, 2018 को सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (एस डी एस सी) शार, आंध्रप्रदेश से सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था । उपग्रह ने चन्द्रमा के रासायनिक, खनिजिकी और फोटो-भूगर्भ के मानचित्रण के लिए चन्द्रमा की सतह से 100 कि.मी. की तुंगता (मई 2009 से अगस्त 2009 तक 200 कि.मी.) पर चन्द्रमा के चारों ओर परिक्रमा की । उपग्रह ने भारत, यूएसए, यूके, जर्मनी, स्वीडन और बल्गेरिया में निर्मित लगभग 11 वैज्ञानिक उपकरणों का वहन किया । दिनांक 29 अगस्त, 2009 को उपग्रह से संपर्क खोने के साथ यह मिशन समाप्त हो गया अधिक जानकारी के लिए
वैज्ञानिक नीतभार: भू-भाग मानचित्रण कैमरा (टी एम सी), अति स्पेक्ट्रमी प्रतिबिंबित्र (एच वाई एस आई), चन्द्र लेज़र परासन उपकरण (एल एल आर आई), उच्च ऊर्जा एक्स-किरण स्पेक्ट्रोमीटर (एच ई एक्स), मून इम्पैक्ट प्रोब (एम आई पी) अधिक जानकारी के लिए
चन्द्रयान-1 मिशन के विभिन्न चरणों में टी एम सी, एच वाई एस आई, एम3, एस ए आर ए व लघु एस ए आर ए से प्राप्त ऑकड़ों को संसाधन स्तर की परिभाषाओं के अनुसार संसाधित किया गया है और अभिसंग्रहण तथा प्रसारण के लिए ग्रहीय ऑकड़ा प्रणाली (पी डी एस) मानकों में प्रदान किया जाता है . यहॉ से प्राप्त करें
चन्द्रयान-1 के प्रमोचन के दौरान ब्रोशर जारी किया गया जिसमें प्रमोचक रॉकेट, उड़ान प्रोफाइल, मिशन प्रक्षेप पथ, उपग्रह और उपकरणों की जानकारी दी गई है यहॉ उपलब्ध है