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मार्स आर्बिटर मिशन मिशन (मॉम), इसरो का प्रप्रथम अंतरग्रहीय मिशन का प्रमोचन नवंबर 5, 2013 को पीएसएलवी-सी25 द्वारा किया गया और सितंबर 24, 2014 को अपने प्रथम प्रयास में मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया .
मंगल कक्षित्र मिशन अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 5 नीतभारों का वहन करता है । तीन विद्युत प्रकाशिकी नीतभार जो दृशीय व ताप अवरक्त स्पेक्ट्रमी रेंज में प्रचालन करते हैं, मंगल के वातावरण व सतह के संवेदन के लिए एक फ़ोटोमीटर और एक बहिर्मंडलीय निष्प्रभावी संरचना विश्लेषक अधिक जानकारी के लिए
मॉम के ऑकड़ा सेटों को ग्रहीय ऑकड़ा प्रणाली मानक 3 में सफल प्रबंध किया जाता है जो ग्रहीय मिशन ऑकड़ा सेटों के लिए वास्तव में एक मानक है । हाल में सार्वजनिक रूप से जारी ऑकड़ा के ऑनलाइन अभिसंग्रहण प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें
मंगल, मिशन उद्देश्य, मिशन आयोजना, नीतभार, उपग्रह, प्रमोचक रॉकेट, भूखंड व चुनौतियों के बारे में प्रमोचन के दौरान जारी मॉम ब्रोशर यहाँ उपलब्ध हैं
इस उपग्रह को प्रमोचित्र द्वारा एक दीर्घवृत्तीय पार्किंग कक्षा में अंत:क्षेपित किया गया । छह मुख्य इंजनों के दहन के साथ, उपग्रह को निर्गमन अति परवलयिक प्रक्षेप पथ में धीरे-धीरे भेजा गया और इसके साथ यह पृथ्वी के कक्षीय वेग + वी बूस्ट के साथ पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र (एस ओ आई) से बाहर हो गया . अधिक जानकारी के लिए
24 सितम्बर, 2015 को वैज्ञानिक मंगल एट्लास जारी किया गया । यह मंगल कक्षित्र मिशन (मॉम) पर भेजे गए मंगल वर्ण कैमरा (एम सी सी) द्वारा लिए गए मंगल पर होने वाले वायुमंडलीय परिघटना और विभिन्न आकृतिविज्ञानीय लक्षणों की झलक प्रदान करता है . डाऊनलोड